top of page
खोज करे
लेखक की तस्वीरAlam Shah Khan Yaadgaar Committee

डॉक्टर आलम शाह ख़ान के रचना संसार पर गहन चर्चा

अपडेट करने की तारीख: 5 मई 2023

डॉ. आलम शाह ख़ान यादगार समिति की ओर से आलम शाह ख़ान की पुण्यतिथि के अवसर पर "आलम शाह ख़ान: व्यक्तित्व एवं कृतित्व" विषयक तीन दिवसीय व्याख्यान श्रृंखला आयोजित की गई।

कार्यक्रम संयोजक व आलम शाह ख़ान की सुपुत्री डॉ. तराना परवीन ने बताया कि पहले दिन कहानी एवं डॉ. आलम शाह ख़ान विषय पर बनास जन के संपादक और दिल्ली विश्वविद्यालय में व्याख्याता डॉ. पल्लव और वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. दुर्गाप्रसाद अग्रवाल ने प्रोफ़ेसर आलम शाह ख़ान के संस्मरण सुनाए और वर्तमान में साहित्य की भूमिका के साथ ही आधुनिक कहानी के विकास में उनके योगदान पर चर्चा की। श्री विजय रंछन पूर्व आईएएस एवं फिल्म क्रिटिक ने उनकी कहानी "किराए की कोख" को विचलित कर देने वाली कहानी बताया तथा उन्हें हिंदी का एकमात्र कथाकार बताया जिसने विभित्स रस में लिखी अपनी कहानियों का अंत भी उसी रस में किया। जयपुर के वरिष्ठ साहित्यकार ईश मधु तलवार ने 'किराए की कोख' व 'एक और मौत', डॉक्टर हेमेंद्र चंडालिया ने "मौत का मजहब" आशीष सिंह ने "चीर हरण के बाद"तथा प्रो. श्रीनिवासन अय्यर ने "अ-नार "कहानी के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। कार्यक्रम में डॉ. प्रणु शुक्ला ,डॉ. इंद्रा जैन, डॉ. गोपाल सहर, डॉ. प्रमिला चंडालिया, डॉ. हेमेंद्र पानेरी ।





2 दृश्य0 टिप्पणी

हाल ही के पोस्ट्स

सभी देखें

Comments


bottom of page