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आलम शाह खान के बारे में

आलम शाह ख़ान : एक परिचय

आलमशाह ख़ान  का जन्म 31मार्च 1936 को राजस्थान के उदयपुर ज़िले में हुआ। उनकी स्कूली शिक्षा फतेह मेमोरियल हाईस्कूल, उदयपुर  में हुई। मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय , उदयपुर से राजस्थानी भाषा में विशेषज्ञता के साथ हिंदी मे  स्नातकोत्तर किया तथा इसी  विश्वविद्यालय से हिंदी में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। कॉलेज ऑफ सोशल साइंसेज एंड ह्यूमैनिटीज, मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय उदयपुर में हिंदी विभाग में एसिसटेंट प्रोफेसर का पद ग्रहण किया। तत्पश्चात  एसोसिएट प्रोफेसर बने एवं कई वर्षों तक हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष का पद सुशोभित किया। सीएसएसएच और सुखाड़िया विश्वविद्यालय के अन्य कॉलेजों में हिंदी और राजस्थानी दोनों विषय पढ़ाए।सुखाड़िया यूनिवर्सिटीके राजस्थानी विभाग में उन्होंने प्रोफेसर मीरा चेयर  का पद भार ग्रहण किया। वे कॉलेज ऑफ सोशल साइंसेज एंड ह्यूमैनिटीज सीएसएसएच,मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय उदयपुर के डीन के पद  से  सेवा निवृत्त हुए। उन्होंने पांच साल की अवधि के लिए 2000 में राजस्थान मानवाधिकार आयोग के सदस्य का पदग्रहण किया लेकिन दुर्भाग्य से, 66 वर्ष की आयु  में कैरोटिड आर्टरी स्टेनोसिस के कारण 17 मई 2003 को पद पर रहते हुए ही वे इस दुनिया को अलविदा कह गए।

 

प्रकाशित पुस्तकें: -

 

शोध कार्य-


1.राजस्थानी वचनिकाऐं

2.वंशभास्कर : एकअध्ययन

 

कहानी संग्रहों के शीर्षक: -


1. परायी प्यास का सफर,

1979 पराग प्रकाशन,दिल्ली

2. एक और सीता1979 पंचशील प्रकाशन,जयपुर

3 . किराये की कोख,1982 मीनाक्षी प्रकाशन,नई दिल्ली

4. एक गधे की जनम कुंडली 1986  पंचशील प्रकाशन,जयपुर

5 .सांसों का रेवड़ 1994 पंचशील प्रकाशन,जयपुर

6 . अकेले  आदमी  का जूलूस [राजस्थान प्रचार जयपुर] 2003

7 . मिनी महात्मा [राजस्थान प्रेरणा जयपुर] 2002

8 . कथायात्रा [सभी कहानियों का संग्रह] पंचशील प्रकाशन, जयपुर द्वारा प्रकाशित। 2003

 

संपादित पुस्तकें: -


1. राजस्थान के कहानीकार
 

2. ढाई आखर

 

आलोचना: -


1. मीरा: लोकतत्त्विक अध्ययन  (1989 मूल संस्करण)

 

  पुनः  प्रकाशित पुस्तक: -


1. मीरा: लोकतत्त्विक अध्ययन का पुनः  प्रकाशित  संस्करण, (पल्लव द्वारा संपादित) 2018 साहित्यभंडार इलाहाबाद 

 

अन्य उल्लेखनीय प्रकाशन: -

 

1. दस  प्रतिनिधि कहानियां - आलम शाह ख़ान, किताबघर प्रकाशन, नई दिल्ली 2014 -हिमांशु पंड्या

द्वारा संपादित दस कहानियों का संग्रह।

 

* महत्त्वपूर्ण टिप्पणी: उनकी कहानियों का विभिन्न भाषाओं में अनुवाद किया गया है। केंद्रीय साहित्य

अकादमी दिल्ली ने अंग्रेजी में अनुवादित कुछ कहानियों को प्रकाशित किया है।

 

* ये सभी कहानियाँ पहले साप्तहिक हिंदुस्तान, धर्मयुग, सारिका, हंस जैसी प्रसिद्ध हिंदी

पत्र- पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं। (क्रमशः उनकी समय अवधि के अनुसार।

 

विभिन्न समितियों और आयोगों की सदस्यता: -

1) सदस्य राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग जयपुर 24 मार्च 2000 से।

 

2) सदस्य हिंदी सलाहकार समिति, सूचना एवम प्रसारण मंत्रालय ,भारत सरकार नई दिल्ली 1992-94

 

3) सदस्य उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र।

 

4) सदस्य अकादमिक परिषद, सुखाड़िया विश्वविद्यालय उदयपुर।

 

5) सदस्य राजस्थानी भाषा साहित्य एवम संस्कृत अकादमी, बीकानेर 1986-94।

 

6) सदस्य मंडल प्रबंधन, मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय उदयपुर ,राजस्थान।

 

विशेष उपलब्धियां: -

1) कोर्स बुक्स में कहानियां।

 

a) राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड दसवीं एवं 12वीं बोर्ड के लिए अनिवार्य हिंदी की पाठ्यपुस्तक

 

b) मध्यप्रदेश बोर्ड की पाठ्यपुस्तकें।

c) RPSCराजस्थान पब्लिक सर्विस कमिशन  के हिंदी व्याख्याता परीक्षा  सिलेबस में कहानी परायी प्यास का सफर सम्मिलित 

 

सम्मान और पुरस्कार : -

1) राजस्थान साहित्य अकादमी द्वारा रांगेय राघव पुरस्कार

 

2) राजस्थान साहित्य अकादमी द्वारा विशिष्ट साहित्यकार सम्मान 2000

 

3) अखिल भारतीय साहित्य, संस्कृत एवं कला परिषद उत्तर प्रदेश द्वारा साहित्य सरस्वती के पदनाम से सम्मानित।

 

फिल्में: -

 

कोख  फिल्म  किराये की कोख ,कहानी पर आधारित (१९९४) आर एस विकल द्वारा निर्देशित( https://www.bfi.org.uk/films-tv-people/4ce2b7faa5df5 )

टेली फिल्मे :-

 

1) पराई प्यास का सफर  दिल्ली दूरदर्शन पर प्रसारित टेली फिल्म।कहानी पराई प्यास का सफर  परआधारित।

२) मिनी महात्मा  टेली सिरीज़ अपने दिलसे पूछो  (एपिसोड १) मिनी महात्मा नाम की कहानी परआधारित है।( https://www.imdb.com/title/tt1494859/ )

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कथा यात्रा

दास प्रथिनिदि 

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गद्य  पद्य संग्रह,

1991, राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, अजमेर, राजस्थान

(सीअनिवार्य हिंदी पाठ्य पुस्तक, 12 वि  कक्षा )

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